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लेखनी प्रतियोगिता-स्त्री कि आकांक्षा -04-May-2023

स्त्री कि आकांक्षा

सभी स्त्री प्यार कि मूर्ति नहीं होती
सभी पर हुकूमत चलाना चाहती
अपने आप को सर्वेसर्वा कि आकांक्षा रखती
ईर्ष्या वह करती और करना सिखाती

नहीं बात वह अपने मन में पचाती
चुगली करने में नंबर वन आती
मन का काम न होने पर दुर्गा वह बनती
मोल भाव करने में नही पीछे वह रहती

आकांक्षा वह सर्वे सर्वा बनने कि रखती
पड़ोसन कि साड़ी ज्यादा सफ़ेद पर जलती
पड़ोसन से प्रतियोगिता करती
पति को ताने दे गलत काम को उकसाती

मायके कि बुराई पर रौद्र रूप दिखाती
सास पर रोब जमाना खूब भाता
पति को सास ससुर के विरूद्ध भड़काती
दुर्गा का वह रूप दिखाती
चुगली करने में सदैव अव्वाल आती

स्त्री कि आकांक्षा पति उसकी गुलामी करे
बात न मानने पर वह घड़ियाली आंसू प्रकट करे
सास उसका सारा काम चुपचाप करे
बातों के तीर में सदैव अव्वल बनी रहे

ननद को अपनी मुट्ठी में कैद करे
मनमानी न चलने पर दहेज़ का केस करे
इच्छाओं का कोई अंत ना रखे
ईश्वर ऐसी स्त्री को सद्बुद्धि दे

स्त्री अपनी आकांक्षा को सीमित रखें
मानुषजाति पर उपकार दिखाए
विजय कि अभिलाषा है कि प्रभु
उसे प्यार कि देवी का बौद्ध कराएं
नहीं मानुषजाति पर अत्याचार को बढ़ाए

✍️ विजय पोखरणा "यस"
💐💐🙏 HBU EXTN,
AJMER (Raj)
   9530399703        
Director of Modulus Academy
Committed towards excellent education and Consultant for Higher study in Abroad at renowned foreign universities and colleges 🙏💐💐

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4 Comments

Punam verma

05-May-2023 09:02 AM

Very true

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VIJAY POKHARNA "यस"

05-May-2023 09:37 AM

Thanks 🙏

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Abhinav ji

05-May-2023 08:23 AM

Very nice 👍

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VIJAY POKHARNA "यस"

05-May-2023 09:37 AM

Thanks 🙏

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